लेफ्टिनेंट कमांडर दिव्या शर्मा: भारतीय नौसेना की पहली महिला "Qualified Flying Instructor"
उन्होंने भारतीय नौसेना की पहली महिला Qualified Flying Instructor (QFI) बनकर न सिर्फ सम्मान अर्जित किया, बल्कि यह भी साबित किया कि महिलाओं की क्षमता किसी भी ऊँचाई को छू सकती है।
उपलब्धि
- उपलब्धि: भारतीय नौसेना की पहली महिला Qualified Flying Instructor
- विमान: Dornier 228, एक हल्का ट्विन-इंजन निगरानी विमान
- नियुक्ति: Andaman & Nicobar Command (ANC)
- भूमिका: युवा नौसैनिक पायलटों को प्रशिक्षण देने वाली Instructor Pilot
भारतीय नौसेना में भूमिका
दिव्या शर्मा भारतीय नौसेना की एक Dornier Pilot हैं। यह विमान समुद्री गश्त (Maritime Surveillance), सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन, और तटीय सुरक्षा जैसे मिशनों में प्रयोग होता है।
Qualified Flying Instructor बनने का मतलब है कि अब वे अन्य नौसैनिक पायलटों को उड़ान और संचालन का प्रशिक्षण दे सकती हैं — जो कि एक अत्यंत प्रतिष्ठित और कठिन उपलब्धि है।
प्रशिक्षण और करियर
- दिव्या शर्मा ने भारतीय नौसेना में एक एविएटर ऑफिसर के रूप में अपनी सेवा की शुरुआत की।
- उन्होंने अपनी प्रारंभिक उड़ान प्रशिक्षण Indian Naval Air Squadron (INAS) से प्राप्त किया।
- अपनी मेहनत और उत्कृष्ट प्रदर्शन के दम पर उन्होंने Flying Instructor Course पास किया — जो कि नौसेना में केवल कुछ ही पायलटों को दिया जाता है।
- इसके बाद उन्हें Qualified Flying Instructor (QFI) के रूप में प्रमाणित किया गया।
अंदमान एवं निकोबार कमांड (ANC)
दिव्या शर्मा वर्तमान में Andaman & Nicobar Command (ANC) में तैनात हैं — यह भारतीय सशस्त्र बलों की एकमात्र संयुक्त कमांड (Tri-Service Command) है।
यहाँ से भारतीय नौसेना, वायुसेना और थलसेना एक साथ कार्य करती हैं, जिससे यह भारत की समुद्री सुरक्षा का अहम केंद्र बनता है।
दिव्या शर्मा यहाँ न सिर्फ उड़ान भरती हैं बल्कि आने वाली नई महिला और पुरुष पायलटों के लिए प्रेरणा स्रोत भी हैं।
प्रेरक संदेश
“कड़ी मेहनत, अनुशासन और आत्मविश्वास — यही एक अधिकारी को बनाता है।
मैंने हमेशा सीखा कि हर उड़ान एक नया सबक है।”
— लेफ्टिनेंट कमांडर दिव्या शर्मा
महत्व
दिव्या शर्मा की यह उपलब्धि भारतीय नौसेना में महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) की दिशा में एक बड़ा कदम है।
उनकी सफलता यह दर्शाती है कि भारतीय महिलाएँ अब केवल सहयोगी नहीं, बल्कि नेतृत्वकर्ता भी हैं — चाहे वह आसमान हो या समुद्र।
निष्कर्ष
लेफ्टिनेंट कमांडर दिव्या शर्मा आज उन सभी लड़कियों के लिए प्रेरणा हैं जो वर्दी पहनकर देश की सेवा का सपना देखती हैं।
उनकी कहानी यह सिखाती है कि सीमाएँ केवल मन में होती हैं, और जब मनोबल ऊँचा हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।
भारतीय नौसेना में महिलाओं की बढ़ती भूमिका देश के लिए गर्व की बात है। दिव्या शर्मा जैसी अधिकारी हमारे युवाओं को यह संदेश देती हैं —
“Sky is not the limit — it’s just the beginning.”
0 Comments